EVERYTHING ABOUT BAGLAMUKHI SHABAR MANTRA

Everything about baglamukhi shabar mantra

Everything about baglamukhi shabar mantra

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अमुक (अपना नाम दें) दास को तुरत उबारो, बैरी का बल छिन लो सारो, निर्दयी दुष्टों को तुम्हीं संघारो,

इन दो बगला-शाबर मन्त्रों के अतिरिक्त भी एक अन्य शाबर मंत्र गुरु-प्रसाद स्वरूप हमें प्राप्त हुआ था, जिसका उल्लेख मैं यहाँ कर रहा हूं। इस मन्त्र का विधान यह है कि सर्वप्रथम भगवती का पूजन करके इस मन्त्र का दस हजार की संख्या में जप करने हेतु संकल्पित होना चाहिए। तदोपरान्त एक निश्चित अवधि में जप पूर्ण करके एक हजार की संख्या में इसका हवन ‘मालकांगनी’ से करना चाहिए। तदोपरान्त तर्पण, मार्जन व ब्राह्मण भोजन कराना चाहिए। तर्पण गुड़ोदक से करें। इस प्रकार इस मन्त्र का अनुष्ठान पूर्ण होता है। फिर नित्य-प्रति एक माला इस मन्त्र की जपते रहना चाहिए। इस मन्त्र का प्रभाव भी अचूक है अतः निश्चित रूप से साधक के प्रत्येक अभीष्ट की पूर्ति होती है। मन्त्र इस प्रकार है

इस परिशिष्ट में जिन मन्त्रों का उल्लेख किया जा रहा है, वे लोक- परम्परा से सम्बद्ध भगवती-उपासकों द्वारा पुनः-पुनः सराहे गए हैं। इन मन्त्रों का प्रभाव असंदिग्ध है, जबकि इनके साधन में औपचारिकताएं नाम मात्र की हैं। यदि भगवती बगलाम्बा के प्रति पूर्ण आस्था एवं श्रद्धा-भाव रखते हुए इन मन्त्रों की साधना की जाए, तो कोई कारण नहीं है कि साधक को उसके अभीष्ट की प्राप्ति न हो।

Also, their intentions towards their objective needs to be sincere. Simultaneously, Remember the fact that the purpose must not cause any harm to Other people. Or else, someone will end up dealing with the anger from the goddess in the form of a foul point out of mind and scenario.

Each of the mantras explained inside the Vedas that happen to be committed to distinctive gods are termed Vedic mantras. All Vedic mantras are prepared in Sanskrit. There exists a provision for chanting Vedic mantras to obtain the grace of God, to remember to him, in difficult meditation, also to attain salvation. Vedic mantras will not be established in themselves, but they may be proven on the energy of really hard follow.

ॐ ह्रीं बगलामुखि! जगद्वशंकरी! मां बगले प्रसीद-प्रसीद मम सर्व मनोरथान पूरय-पूरय ह्रीं ॐ स्वाहा।

e kama, krodha, lobha, moha & ahankar. Using this type of puja sadhak receives Regulate not simply more than their detrimental feelings but additionally they've a full control about the external globe. Puja of ma baglamukhi presents the sadhak self understanding together with immense power and energy to lead a appropriate route in his lifetime.

पीताम्बराऽऽभरण-माल्य-विभूषिताङ्गीम्, देवीं नमामि धृत-मुदगर -वैरि-जिह्वाम् ।।१

“Om hreen bagalaamukhee sarv dushtaanaan vaacham mukham padam stambhay stambhay jeevahaan keelok keelok vinaashay hreen om svaaha”

अम्बां पीताम्बराढ्यामरुण-कुसुम-गन्धानुलेपां त्रि-नेत्रां ।

Retaining personalized website hygiene can also be important. Have a bath or wash your deal with and hands ahead of commencing the chanting. Carrying clear attire, if possible in white or mild colors, can improve the spiritual atmosphere and aim.

ॐ ह्रीं बगलामुखी सर्व दुष्टानाम वाचं मुखम पदम् स्तम्भय

गदा, २. पाश, ३. वज्र और ४. शत्रु की जीभ धारण किए हैं, दिव्य आभूषणों से जिनका पूरा शरीर भरा हुआ है-ऐसी तीनों लोकों का स्तम्भन करनेवाली श्रीबगला-मुखी की मैं चिन्ता करता हूँ।

द्वि-भुजी बगला ( पीताम्बरा ध्यान मंत्र ) मध्ये सुधाऽब्धि-मणि-मण्डप-रत्न-वेद्याम्, सिंहासनोपरि-गतां परि-पीत-वर्णाम् ।

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